Justice Yashwant Varma row petition supreme court interference petition.

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस यशवंत वर्मा के घर मिले कैश की जांच करने की मांग से जुड़ी याचिका दायर की गई थी.याचिकाकर्ता व अधिवक्ता नेदुम्परा ने कहा कि एक कॉमन मैन की तरह इस मामले में भी जांच होनी चाहिए. जस्टिस वर्मा के यहां से जो कैश मिला है, उसके बारे में सभी जानना चाहते है. इस पस सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आज वो दिन नहीं है कि हम इस मामले में हस्तक्षेप करें.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की जनहित याचिका समय से पहले ही दायर की गई है, क्योंकि इस मामले में आंतरिक जांच चल रही है.अगर आंतरिक जांच में उन्हें दोषी पाया जाता है, तो फिर देश के मुख्य न्यायधीश के पास एफआईआर दर्ज करने का निर्देश देने या सरकार को उन्हें हटाने की सिफारिश करने का विकल्प होगा.

4 चीजें अपने पक्ष में रख सकते हैं जस्टिस वर्मा

सूत्रों के मुताबिक इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से गठित हाईकोर्ट के न्यायाधीशों की तीन सदस्यीय समिति से आज दोपहर को जस्टिस यशवंत वर्मा का सामना होगा. आज दोपहर लंच के बाद समिति जस्टिस वर्मा का बयान दर्ज करेगी.नगदी मामले में मुख्य तौर पर चार चीजें अपने बचाव में जस्टिस वर्मा पेश कर सकते हैं.

इनमें पहला है कि घटना के दिन मौजूद नहीं थे, मध्य प्रदेश गए हुए थे और लौटकर 15 मार्च की शाम आए दूसरा – वीडियो में जिस तरह से जले नोट दिखाए गए, लौटने पर ऐसी कोई जानकारी स्टाफ से नहीं मिली और घर पर घटना के वक्त मौजूद स्टाफ ने ऐसा कुछ नहीं देखा. दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश की तरफ से जब ये जानकारी दी गई तब पता चला.

तीसरा – उनका या उनके परिवार का, अगर घटना के वक्त पैसा जला तो उससे कोई लेना देना नहीं. ये पूरा घटनाक्रम साजिश प्रतीत होता है. चौथा -आउटहाउस में कोई गतिविधि मेरी या मेरे परिवार की नहीं है. सुरक्षा कर्मी और स्टाफ ही उसका आमतौर पर उपयोग करते हैं.

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